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19 Mar 2017 · 1 min read

गौरैया

??गौरैया??

खो गयी है गली गाँव की
सड़क शहर की हो गयी है
चीं चीं का मधुगान नहीं अब
पों पों पों पों हो गयी है
अब कहाँ है दाना चुग्गा
पानी भी रखता न कोई
रेत स्नान करेगी कैसे
छोटी सी गौरैया रोई
अब मुनिया पे वक्त नहीं है
मुन्ना भी रहता है व्यस्त
गौरैया न कोई देखे
सब अपनी दुनिया में मस्त
बचपन वाली सखी हमारी
गौरैया तुम लगती हो
कानों में मिश्री सी चीं चीं
जब भी घोला करती हो
बचपन वाली याद सुनहरी
इन आँखों में लाओ तुम
दाना,पानी,नीड़ प्यार का
गौरैया फिर आओ तुम
✍हेमा तिवारी भट्ट✍

Language: Hindi
368 Views
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