गौरवान्वित बनो
देखो मत
कौन क्या
करता है मन
सोचो मत
कौन क्या
कहता है मन
पकड़ो
दृढ़ता से
लक्ष्य अपना
तभी मिलता है
गौरव
होते नहीं
इन्सान
सभी एक से
कोई पाता
गौरव
होता कोई
बदनाम
दुनियां में
करो काम
जीवन में ऐसा
गौरवान्वित हो
माता पिता
जीवन में
प्राणन्योछावर
के लिए
रहते तैयार
सैनिक हमारे
गौरवान्वित
करते
देश का नाम
आत्मविश्वास
से पाते हैं
सफलता
बढ़ता है
गौरव उनका
जीवन में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल