Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2023 · 1 min read

गौमाता मेरी माता

गौमाता मेरी माता
********
हे गौमाता तुम्हें नमन है
चरणों में तेरे नित वन्दन है
तेरी महिमा का बोध नहीं हैं
अज्ञानी मूरख हम जो हैं।
तेरा ध्यान नहीं रख पाते
घमंड में आज चूर हम रहते,
महत्व तेरा हम नहीं समझते
झूठ मूठ नादान हैं बनते।
पूजा तेरी अब छोड़ चुके हैं,
तुझको पशु अब मान रहे हैं
हम तुझको कहते गैया हैं
तू तो मैया है भूल रहे हैं।
हे मां हमको माफ करो
हम बच्चों कर कृपा करो,
करुणा ममता की वारिश कर
हम सबका कल्याण करो।
हम सब तेरे बच्चे हैं
थोड़ा अकल से कच्चे हैं
पर तू तो सबकी माता है
दूर कहां अपना नाता है।
दया दृष्टि तुम हम पर रखना
भूल हमारी क्षमा तू करना
हमें अलग मत तू कर देना
यही निवेदन है मेरी माता।

सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है,
Abhishek Soni
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
शेखर सिंह
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
***कृष्णा ***
***कृष्णा ***
Kavita Chouhan
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
गुलाब दिवस ( रोज डे )🌹
Surya Barman
"चैन से इस दौर में बस वो जिए।
*प्रणय प्रभात*
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
पूर्वार्थ
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Upasana Pandey
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
यूं आसमान हो हर कदम पे इक नया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
अगीत कविता : मै क्या हूँ??
Sushila joshi
ज़िंदगी देती है
ज़िंदगी देती है
Dr fauzia Naseem shad
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
आज तक इस धरती पर ऐसा कोई आदमी नहीं हुआ , जिसकी उसके समकालीन
Raju Gajbhiye
योग
योग
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
मात पिता को तुम भूलोगे
मात पिता को तुम भूलोगे
DrLakshman Jha Parimal
अलगाव
अलगाव
अखिलेश 'अखिल'
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
3569.💐 *पूर्णिका* 💐
3569.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...