बाल दिवस ” वही शिक्षक कहाता है”
बाल दिवस के उपलक्ष्य में
सादर संप्रेषित
जगाता है अलख शिक्षा, वही शिक्षक कहाता है।
दिखाता है उचित राहें, सही शिक्षक कहाता है।।
सभी को मानता बच्चे।
बनाता है पुरुष सच्चे।।
न करता भेद तिल भर भी,सबक सबको सिखाता है।
जगाता है अलख शिक्षा, वही शिक्षक कहाता है।।(१)
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पढाता पाठ शिक्षा के।
न मांगे दाम दीक्षा के।।
यही उसकी सहजता है, सभी पर वारि जाता है।
जगाता है अलख शिक्षा,वही शिक्षक कहाता है।।(२)
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दिखाता प्यार बच्चों पर।
लुटाता प्यार बच्चों पर।।
लुटाना ही है’ गुण उसका,सभी पर कुछ लुटाता है।
जगाता है अलख शिक्षा,वही शिक्षक कहाता है।।(३)
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अटल मुरादाबादी
९६५०२९११०८