*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)
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1)
गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया
जीवन की आपाधापी में, जाने क्या-क्या छूट गया
2)
कहॉं ऑंच पर तप पाया था, पूरी तरह घड़ा रखकर
लगी तनिक-सी चोट इसलिए, लगते ही फिर फूट गया
3)
यों तो गर्मी की शादी थी, पेंट-कमीज सही रहती
मॉंगा था लड़के वालों ने, गर्म इसलिए सूट गया
4)
कलाकार ने दिखलाई थी, कला बहुत अंतर्मन से
जन-अभिरुचि पर समझ न पाया, आयोजन में हूट गया
5)
भरी हुई बस में सवार थे, पचपन यात्री डरे हुए
लिए तमंचा एक आदमी, आकर उनको लूट गया
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451