Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

गूँज

चौथे पहर की गूँज के
कुछ मायने अलग होते हैं
वैसे तो गुलाबों की ख़ुशबू
फूलों पर भँवरे
सब्ज़ बाग हर कोई लिखता है
पर रात के सन्नाटे में
आँगन में उल्टे पड़े घड़े पर
छत से टपकती एक बूँद की गूंज
कोई नहीं सुनता है
वह गूंज अक्सर क्रांति से
पहले के सन्नाटे को चीरती है
भंग करती है खामोशी को
शायद एक जुनून को उतरना था
आसमाँ से
या फ़िर सफ़र पर निकला कोई
गिन रहा था बचे हुए लम्हे !!!
@संदीप

Language: Hindi
66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
4028.💐 *पूर्णिका* 💐
4028.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बच्चों के मन भाता तोता (बाल कविता)
बच्चों के मन भाता तोता (बाल कविता)
Ravi Prakash
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
मैं अकेला महसूस करता हूं
मैं अकेला महसूस करता हूं
पूर्वार्थ
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
जबकि तड़पता हूँ मैं रातभर
gurudeenverma198
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*
sudhir kumar
"रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
मानव तन
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
एक होता है
एक होता है "जीजा"
*प्रणय प्रभात*
"ईद-मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
यूं कीमतें भी चुकानी पड़ती है दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
राम का चिंतन
राम का चिंतन
Shashi Mahajan
कोई तंकीद
कोई तंकीद
Dr fauzia Naseem shad
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
जाति
जाति
Adha Deshwal
भीगते हैं फिर एक बार चलकर बारिश के पानी में
भीगते हैं फिर एक बार चलकर बारिश के पानी में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
ओ मैना चली जा चली जा
ओ मैना चली जा चली जा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...