गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त
गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त
याद करने के लिए भयावह बातें
बन जायेगा इतिहास
जिसको आप ओर हम
पढ़ते है,और आने वाले वक्त में पढ़ेंगी
आने वाली पीढियां किताबों में
हो जाएगा अंत संस्कृति का
और रह जाएंगे शेष अवशेष
वही अवशेष जिनका निर्माण
किया था,हम सबने भाईचारे की
भावना के साथ।
सोचने,विचारने के लिए शेष होंगी
हमारी संतान ।
किताबें बयां करेगीं कहानी
मानव संस्कृति के उदय और अंत की
भूपेंद्र रावत
16।04।2020