गुलामी के पदचिन्ह
गुलामी के पदचिन्ह
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गुलामी के पदचिन्हों पर चलना ,
क्यों जरूरी है… ?
जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना ,
फूंक मार फिर इसे बुझाना ,
क्यों जरूरी है… ?
झूठी शान में केक मंगाना ,
चाकू से फिर चीरा लगाना ,
क्यों जरूरी है… ?
ये तो राम की पुण्यभूमि है ,
हर बालक को राम बनाओ ,
दिए जलाकर जन्मोत्सव मनाओ ,
हवन यज्ञ की शक्ति तो बताओ ,
ज्ञान कर्म का सही अर्थ समझाओ ,
देखा-देखी में ढल जाना ,
क्यों जरूरी है… ?
रामकथा कह महफ़िल को सजाओ ,
त्याग तप का मतलब तो बताओ ,
कांधे पर फिर शस्त्र सजाओ ,
मंत्रसिद्धि से इसे आजमाओ ,
शक्तिपूजा का अर्थ बताओ ,
रामराज्य तुम फिर से लाओ ,
औरों के संग-संग ही मचलना ,
क्यों जरूरी है… ?
संस्कार यदि, दिया न ढंग से ,
दोष उनको देते, किस मुँह से ,
बूढ़े को आश्रय न दे तो ,
मत कहना उसको नालायक।
अर्थी को कांधे न दे तो ,
मत कहना रिश्ते झूठे है ।
सूर्योदय पश्चिम में बताना ,
क्यों जरूरी है… ?
मौलिक एवं स्वरचित
मनोज कुमार कर्ण