गुरूता बने महान ……!
गुरुता बने महान
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क्यूँ धूमिल हुई पहचान , आओ हम मनन करें ।
फ़िर गुरूता बने महान, आओ हम हवन करें ।
हम चाणक्य के वंशज हैं, हम में है बुद्धि-विवेक,
कोरे मन मस्तिष्क पे हमको लिखने आखर नेक,
कांटों का ले संज्ञान, हम पुष्पित चमन करें।
फिर गुरूता बने महान….!
मन फूलों सा है अपना, पर फौलादी छाती है,
अंधियारों का मुँह सी दे जो उस लौ की बाती है,
भूतल पर तम अज्ञान, आओ हम दमन करें ।
फिर गुरूता बने महान…..!
हम शिक्षक हैं पास हमारे कलम की ताकत है,
हर जोर जुल्म की टक्कर में, इल्म और इबादत है,
कलम को करें कृपाण, हम रक्षित वतन करें ।
फिर गुरूता बने महान….!
आओ हम मनन करें ।
आओ हम हवन करें ॥
✍️ हरवंश ‘हृदय’
बांदा
9451091578