गुमसुम आवाज
नककार खानो में ज्यों गुंज कर रह जाती है तुती की आवाज ,
कौवों के बीच दब के रह जाती है वैसे कोयल की मीठी आवाज ,
मोल ना हो जहां अपनी बात का ,है वहां बोलना बेकार ,
कौन सुन रहा है ? किसे आप सूना रहे है .
विवादों के शोर गुल में क्या कोई सुन सकेगा आपकी दिल. की आवाज .