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6 May 2022 · 1 min read

गुमशुदगी में गुमशुदा

***गुमशुदगी में गुमशुदा***
**********************

गुमशुदगी में हुआ गुमशुदा,
जब से मैं तो हुआ हूँ जुदा।

पल-पल मरता रहा तुन बिना,
यादों में हूँ जिन्दा मैं सदा।

ऐसी हम से हुई क्या ख़ता,
माफी मांगू खड़ा ओ खुदा।

छोड़ी हैं यारियां साजना,
छोड़े हालात अब भी यदा।

मनसीरत यार ज़ालिम हुआ,
मेरी अरदास सुन लो सदा।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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