गुनहगार
गुनहगार मानता हूं मैं ख़ुद को, की अपने जज़्बातों को उधेड़ कर खुद ही सीता हूं, तू खुद तो नहीं लेकिन तेरी तस्वीर ही है वो, जिसके साथ मैं अपनी ज़िंदगी जीता हूं- सुदेश कुमार
गुनहगार मानता हूं मैं ख़ुद को, की अपने जज़्बातों को उधेड़ कर खुद ही सीता हूं, तू खुद तो नहीं लेकिन तेरी तस्वीर ही है वो, जिसके साथ मैं अपनी ज़िंदगी जीता हूं- सुदेश कुमार