“गुजारिश”
“गुजारिश”
प्रेम-मोहब्बत से चलिए
हाथों में हाथ थाम के
गले में बाँहें डाल के,
पता नहीं चलता
कब वक्त गुजर जाता है
बस रखिए जुबान सम्हाल के।
“गुजारिश”
प्रेम-मोहब्बत से चलिए
हाथों में हाथ थाम के
गले में बाँहें डाल के,
पता नहीं चलता
कब वक्त गुजर जाता है
बस रखिए जुबान सम्हाल के।