Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2017 · 1 min read

“गुजरात का चुनावी संग्राम “

“गुजरात चुनाव ने भी क्या धमाल मचाया है ,
हिन्दू बनने के लिए पूरा हुजूम उतर आया है !
कहते तो खुद को ये निरपेक्ष हैं ,
पर रामसेतु के अस्तित्व को मानने से इन्हे परहेज है !
कहते हैं सत्ता में आये तो देश का विकास करेंगे ,
पर चुनावी सभा में आरक्षण पर ही बोलेंगे !
अरे सत्तर साल तक तुम ही तो सत्ता में थे ,
पर तुम तो घोटालों और बटवारों में लिप्त थे ,
देश का पैसा तो स्विस बैंक में भरने में व्यस्त थे ,
गाँधी का नाम जोड़के बस तुम मूर्ख बना सकते थे !
तब समय कुछ और था जनाब आज कुछ और है ,
देश का झुकाव अब विकास की ओर है !
अब न मंदिर काम आएगा न मस्जिद काम आएगी ,
देखते जाओ जनता तुम्हे आईना जरूर दिखाएगी !
तुम्हारे लिए विकास कभी मुद्दा ही नहीं था ,
सत्ता में बने रहना ही तुम्हारा उद्देश्य था !
यदि तुम्हे परिवारवाद से प्यार न होता तो ,
देश का प्रधानमत्री नेहरू नहीं पटेल होता !
तब न कश्मीर का विवाद होता ,
न ही पाकिस्तान का नामोनिशान होता !
वर्तमान भारत जिन्ना और नेहरू की राजनीती थी ,
पर भविष्य का भारत नरेंद्र मोदी की नीति होगी !
विकास हुआ है और आगे भी होगा ,
पर कांगेसियों के हाथों देश का दोहन न होगा !”

Language: Hindi
574 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लिखना
लिखना
Shweta Soni
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सवालिया जिंदगी
सवालिया जिंदगी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
चुप
चुप
Ajay Mishra
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
मेरा दामन भी तार- तार रहा
मेरा दामन भी तार- तार रहा
Dr fauzia Naseem shad
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
नये गीत गायें
नये गीत गायें
Arti Bhadauria
"यथार्थ प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
अजहर अली (An Explorer of Life)
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
ख़ान इशरत परवेज़
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
gurudeenverma198
उल्फत के हर वर्क पर,
उल्फत के हर वर्क पर,
sushil sarna
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
24 के लिए
24 के लिए
*Author प्रणय प्रभात*
न कुछ पानें की खुशी
न कुछ पानें की खुशी
Sonu sugandh
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...