गीत
हॅंसी तुम्हारी चंदा जैसी,
चितवन फूल पलाश 1
बातें झरना यथा ओसकण
तारों भरा उजास 11
गुन-गुन भौंरों जैसे गाना,
और शरारत से मुस्काना 1
हौले-से, ही हमें चिढ़ाना
वादा कर फिर हाथ न आना 11
चमकाती लेकिन फिर भी हो
एक किरन की आस 11
जो भी दिन है साथ बिताए,
जस फूलों की घाटी में घर
नोंक-झोंक विस्मृत-स्मृति में,
एक क्षीरमय सुन्दर सर
मिलना तुम से तीरथ जैसा,
भूला – बिसरा रास 11
– – – क्षेत्रपाल शर्मा