गीत
?नमन करूं हे मातु भवानी,
चंद्रघंटा मातु कल्यानी ।
निर्मल उर से जो हे ध्याता,
सुख शांति और संयम पाता।
लाल चुनरिया मां को भावे,
काम जग के सफल हो जावे।
घर-घर माता का जयकारा,
बिखराए जग में उजियारा।
विनती में हरपल हे करती,
मात चरण में माथा धरती।
बनी रहे मां कृपा तुम्हारी,
जीवन में खुशियां हो सारी।।
सुषमा सिंह उर्मि