गीत
सौगंध लिया इक बेटे ने भारत की पावन माटी से ,
दहशतगर्दी खत्म करूँगा कश्मीर की घाटी से,
हे भारत माँ तेरे आंचल में अब दाग नहीं लगने दूंगा,
धरती के जन्नत में फिर से आग नहीं लगने दूंगा ,
आस्तीन में छिपे हुए साँपों को मार भगाऊँगा,
तीन रंग का यही तिरंगा घाटी में फहराऊँगा,
अमन प्रेम की बातें होंगी, हर कोई मुस्कायेगा,
जय हिंद की गूँज उठेगी स्वर अंबर तक जाएगा,
शेर पुत्र हो भारत माँ के निर्णय से दिखलाया है,
हे सपूत तुमने तो अपना हर कर्तव्य निभाया है,
शत – शत नमन है उस जननी को जिसने तुमको जन्म दिया,
देशभक्ति का भाव भरा सेवा का उत्तम कर्म दिया,
देख के भारत की ताकत को हर दुश्मन थर्राया है,
देश सुरक्षित हाथों में है सबको समझ ये आया है,
कर दिखलाया सब कुछ जो भी देश के हित में ठान लिया,
देशभक्त है चौकीदार अब जन -जन ने यह मान लिया ??