#गीत//हाथ गुलाब लिए आना
#गीत-“हाथ गुलाब लिए आना”
हाथ गुलाब लिए आना तुम,
होठों पर मुस्क़ान लिए।
मोहब्बत की बातें करना,
चाहत का अरमान लिए।।
गंगा जैसा पावन मन हो,
आँखें चित हर कविता-सी।
साथ निभाने की हसरत हो,
रूह बनाना गीता – सी।
सीता तुमको अगर चाहिए,
रहो राम सी शान लिए।
मोहब्बत की बातें करना,
चाहत का अरमान लिए।।
सावित्री बन साथ निभाऊँ,
जीवन सरग़म बन जाऊँ।
रब से ज़्यादा प्यार करूँ मैं,
ख़ुद से बढ़ तुमकों चाहूँ।
गगन बनो तुम इंद्रधनुष मैं,
जिऊँ जान में जान लिए।
मोहब्बत की बातें करना,
चाहत का अरमान लिए।।
बादल बिजली-सा साथ हमारा,
एक नज़र एक नज़ारा।
जो तुमको वो मुझको प्यारा,
प्यार किया तो दिल हारा।
सात सुरों – सा जीवन अपना,
भाये सबको तान लिए।
मोहब्बत की बातें करना,
चाहत का अरमान लिए।।
#आर.एस. ‘प्रीतम’
#सर्वाधिकार सुरक्षित गीत