गीत- हँसते हुये गाते हुये…
हँसते हुये गाते हुये चलते चलें लेकर अदा।
दिल जीत कर बातों हुनर से कर चलें सबको फ़िदा।।
आई घड़ी चाहत भरी बातें करें दिल से खरी।
सुनकर जिन्हें इक दूसरे की हो चले नीयत हरी।
ऐसा लगे दिल को सुनों होंगे न हम भूले ज़ुदा।
दिल जीत कर बातों हुनर से कर चलें सबको फ़िदा।।
शीतल पवन-से हम बनें बू-फूल-सी धड़कन चलें।
शबनम लबों पर धूप ऐसी हँस खिले मोती पलें।
जिससे मिलें ऐसे मिलें मधुमास की जैसे फ़िज़ा।
दिल जीत कर बातों हुनर से कर चलें सबको फ़िदा।।
ख़ुद से मिलें खुलके मिलें भूलें नहीं अपना असर।
हरपल रखें अंबर सरीखी यार हम ‘प्रीतम’ नज़र।
फूले फलें सादर मिलें मिलते रहें लेकर सदा।
दिल जीत कर बातों हुनर से कर चलें सबको फ़िदा।।
आर. एस. ‘प्रीतम’