गीत : ये दिल की बात है
दिल की बात लब पर आती नहीं।
बिन कहे भी रूह चैन पाती नहीं।।
कैसे रहें,कैसे जिएं,जीना दुश्वार हुआ।
खोये-खोये रहते हैं,जब से प्यार हुआ।
दिन ढ़ल जाता तो शब जाती नहीं।
बिन कहे भी……………
हथेली पर लिख नाम तेरा चूम लेते हैं।
अश्क़ प्यार के पी नशे में झूम लेते हैं।
पैग़ाम हवाएँ तेरे दर से लाती नहीं।
बिन कहे भी……………
हाल हो गया है अब दीवानों की तरह।
जलते हैं शम्मा पर हम परवानों की तरह।
आती हैं यादें दिल से जाती नहीं।
बिन कहे भी…………….
कितनी बार गुज़रे हम उनके क़रीब से।
कह कुछ न पाए रहे देखते रक़ीब से।
दिल की बात दिल तक जाती नहीं।
बिन कहे भी…………….
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राधेयश्याम बंगालिया प्रीतम
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