गीत- निराशा भूल जाऊँगा…
निराशा भूल जाऊँगा करो हँसके ज़रा बातें।
तुझे चाहा है चाहूँगा करो हँसके ज़रा बातें।।
हृदय गुलशन बनाऊँगा बनो तुम भी बहारों-से।
रिझाओ प्यार चमकीले रसीले मद इशारों-से।
बनो तुम गीत गाऊँगा करो हँसके ज़रा बातें।
तुझे चाहा है चाहूँगा करो हँसके ज़रा बातें।।
लहर हो तुम किनारा मैं मिलन अपना सुहाना है।
खिला मैं फूल ख़ुशबू तू यही अपना फ़साना है।
कहा तेरा निभाऊँगा करो हँसके ज़रा बातें।
तुझे चाहा है चाहूँगा करो हँसके ज़रा बातें।।
मिसालें प्यार की अपने इबारत बन लुभाएँगी।
हमारी प्रीत की रस्में सदा दुनिया को भाएँगी।
नज़र से दिल को भाऊँगा करो हँसके ज़रा बातें।
तुझे चाहा है चाहूँगा करो हँसके ज़रा बातें।।
आर. एस. ‘प्रीतम’