Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2023 · 8 min read

गीत नया गाता हूँ

1-निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना नही चाहता युग के साथ स्वछंद दौर को पुकारता काल कि स्वछंद चाल चरित्र मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

2-युग मे मानव मानवता को पुकारता अपनी प्रतिष्ठा परिचय पहचान कि नव परिभाषा पराक्रम को बुलाता काल कि पुकार पराक्रम प्रवाह मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

3-काल अपने पल प्रहर में चाहता नव उत्साह का सांचार मुल्यों के नव पराक्रम का अवतार काल कि इच्छा और परीक्षा का भाष्य मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

4-युग मे मानव मूल्यों के कदमो की आहट से ही काल की पहचान काल सिद्ध का ही सिंद्धान्त काल के सिद्ध सिंद्धान्त का वर्तमान स्वर साम्राज्य मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

5-युग मे मानव पराक्रम का प्रथम पग नव अध्याय आयाम युग चेतना के काल जागृति का भाव भंगिमा मैं सुनाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।
6
6-युग मे भाग्य भगवान आत्म शक्ति का प्रतिनिधि प्रतिबिंबित असम्भव के संम्भव का शंखनाद काल युग गूंज अनुगूंज मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

7-युग मे अकेला निराला अपनी धुन ध्येय का मतवाला कर्म धर्म परम्परा में विकृतियों का प्रहारक काल इच्छा परीक्षा का संवाहक का सत्य सोपान मैं कराता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

8-काल के प्रवाह में छड़ भंगुर जीवन का सफल साक्ष्य साकार कि निराकार कीर्ति का वर्तमान प्रेरणा का मार्ग मैं दिखाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

9-बदलते भूगोल सामाज संस्कार काल कि नियत नीति नही काल स्वंय ही अपने नित्य निरंतर गति चाल में प्राणि प्राण व्यवहार का नाम काल खंड के नाम वर्तमान श्रेय भविष्य के नव श्रेयांश जगाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

10-समाज सीमित राष्ट्र अंतराष्ट्र सीमित काल कि पहचान परिभाषा का पराक्रम राष्ट्र अंतराष्ट्र समाज जाति से परे अवनि आकाश के स्वछंद सौर्य सूर्य का उजियार मे दिखाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नता गाता हूं।।

11-मानव जीवन काल समय भाग्य भगवान समान हानि लाभ यश अपयश काल के नाम बदल देता काल कि विविध विधाता के आयाम युग काल का अभिमान मैं बताता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

12-आशा विश्वास साहस शक्ति सोच दृढ़ता उद्देश्य कि वैधता को कर अंगीकार बढ़ता जाता निर्मम काल को देता चुनौती काल कि चुनौती का महासमर मैं बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

13-उत्साह ऊर्जा शत्र उद्देश्य कि दृढ़ता शाश्त्र काल कि चुनौतियों को कर देता दर किनार काल के कपट कपाट बन्द कर देता काल पराक्रम का परतंत्र का तंत्र तांत्रिक जन्म जनमेजय मैं गाता हूँ ।।

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।
14-युग युगांतर कि प्रेरणा परिभाषा ही अवतार सप्त सत्य के अश्वों पर आरूढ़ सौर्य सूर्य कि दृष्टि का युग दोहराता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

15-परिवर्तन का पल प्रहर ध्रुवी दृढ़ता विश्वास दिग्दर्शक सारथी प्रातः लालिमा उजियार काल समय कि गति वर्तमान इतिहास सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

16-धर्म ज्ञान कर्म दिग्दर्शक प्रह्लाद असुर कुल गौरव सुर असुर अंतर भेद मिटाता सुर असुर दृष्टि दिशा नीति नियति का काल मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

17-अंश वंश के शूलों मध्य पुष्प सुगंध दवनता में देवत्व का प्रादुर्भाव अवतरण गाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

18-नमन युग करता युग परिवर्तन प्रवर्तक का मानव धर्म कर्म नैतिकता का महा मानव प्रमाण कुल से सात्विक संग्राम सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

19-नायक महानायक का ओज तेज सत्य स्वीकार मानवता युग का स्वभिमान मैं सुनाता हूँ ।

गीत नया गाता हूँ गीत नया गाता हूं।।

20-समय सीमा नही आने और गुजर जाने नित्य निरंतर चलते रहने का ना साथ ना ही प्रतीक्षा अपने ध्येय धुन कि मस्ती हस्ती का महानायक मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

21-काल खंड कि परिभाषा पराक्रम पुरुष संघ ही जाना पहचाना जाता काल कि कोई स्वंय पहचान नही निरपेक्ष काल का सापेक्ष कालपुरुष बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

22-काल खंड खंड में बिभाजित हो जाता बिभाजित करने वाला जब आता काल अस्तित्वहीन हो काल पुरुष में मिल जाता काल पुरुष पुरुषार्थ मैं बताता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

23-काल निरंतर प्रवाह द्वापर कृष्ण महानायक युग उद्धारक साधारण से असाधारण आत्मा कि परमात्मा चेतन सत्ता का राग सुनाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

24-जन्म जीवन आशा विश्वास अभिलाषा प्राणि प्राण कि कर्म काल का संग साथ काल अविरल असीमित निरंतर जन्म जीवन का निर्धारक प्राणि प्राण प्रयाण महाप्रयाण अंतर सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

25-काल को परिभाषित करने वाले आते जाते काल जीवन कर्म धर्म दायित्व संग्राम से नव आयाम अध्याय दे जाते काल कि विराटता का व्यक्तित्व में दिखता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

26-काल शासन अनुशासन नीति नियम सिंद्धान्त में समाहित नही काल कि गति में हस्तक्षेप नही निर्विकार निर्लिप्त काल कि चाल में विकार प्राणि प्राण का भेद विभेद मैं बातात हूँ।।

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।
27-निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना नही चाहता युग के साथ स्वछंद दौर को पुकारता काल कि स्वछंद चाल चरित्र मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

28-युग मे मानव मानवता को पुकारता अपनी प्रतिष्ठा परिचय पहचान कि नव परिभाषा पराक्रम को बुलाता काल कि पुकार पराक्रम प्रवाह मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

29-काल अपने पल प्रहर में चाहता नव उत्साह का सांचार मुल्यों के नव पराक्रम का अवतार काल कि इच्छा और परीक्षा का भाष्य मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

30-युग मे मानव मूल्यों के कदमो की आहट से ही काल की पहचान काल सिद्ध का ही सिंद्धान्त काल के सिद्ध सिंद्धान्त का वर्तमान स्वर साम्राज्य मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

31-युग मे मानव पराक्रम का प्रथम पग नव अध्याय आयाम युग चेतना के काल जागृति का भाव भंगिमा मैं सुनाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

32-युग मे भाग्य भगवान आत्म शक्ति का प्रतिनिधि प्रतिबिंबित असम्भव के संम्भव का शंखनाद काल युग गूंज अनुगूंज मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

33-युग मे अकेला निराला अपनी धुन ध्येय का मतवाला कर्म धर्म परम्परा में विकृतियों का प्रहारक काल इच्छा परीक्षा का संवाहक का सत्य सोपान मैं कराता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

34-काल के प्रवाह में छड़ भंगुर जीवन का सफल साक्ष्य साकार कि निराकार कीर्ति का वर्तमान प्रेरणा का मार्ग मैं दिखाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

35-बदलते भूगोल सामाज संस्कार काल कि नियत नीति नही काल स्वंय ही अपने नित्य निरंतर गति चाल में प्राणि प्राण व्यवहार का नाम काल खंड के नाम वर्तमान श्रेय भविष्य के नव श्रेयांश जगाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

36-समाज सीमित राष्ट्र अंतराष्ट्र सीमित काल कि पहचान परिभाषा का पराक्रम राष्ट्र अंतराष्ट्र समाज जाति से परे अवनि आकाश के स्वछंद सौर्य सूर्य का उजियार मे दिखाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नता गाता हूं।।मानव जीवन काल समय भाग्य भगवान समान हानि लाभ यश अपयश काल के नाम बदल देता काल कि विविध विधाता के आयाम युग काल का अभिमान मैं बताता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

37-आशा विश्वास साहस शक्ति सोच दृढ़ता उद्देश्य कि वैधता को कर अंगीकार बढ़ता जाता निर्मम काल को देता चुनौती काल कि चुनौती का महासमर मैं बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

38-उत्साह ऊर्जा शत्र उद्देश्य कि दृढ़ता शाश्त्र काल कि चुनौतियों को कर देता दर किनार काल के कपट कपाट बन्द कर देता काल पराक्रम का परतंत्र का तंत्र तांत्रिक जन्म जनमेजय मैं गाता हूँ ।।

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।39-काल पल प्रहर संग मानव मन नए अभिलाषा आकाश अंकुरण जन्म जीवन अभिलाषा अंकुरण भाष्य मै गाता हूं।।

40-अभिलाषा आशा प्राप्ति जीवन अभिलाषा उद्देश्य अनंत का जन्म जीवन मूल्य मैं बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

41-काल पल प्रहर गति चाल प्राणी अभिलाषा का ही वंन्दन अभिनंदन करता अभिलाषा उत्सर्ग पुनर्जन्म मै सुनाता हू।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

42-सुनता नही काल कि मार से आहत का क्रंदन श्रवण शांत चित्त कि अभिलाषा चंचलता मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

43-काल निरंतर गतिमान जन्म साथ कदम बढ़ाता प्राणि प्रयाण पथ पथिक साधारण प्रयाण जीवन राग मै सुनाता हू।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

44-महाप्रयाण आत्म सत्ता चेतना परम यात्रा का नही रहता भान भौतिकता में नैतिकता ह्रास का हर्ष विषाद मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

45-जन्म जीवन समाज स्वंय स्वार्थ सिद्ध सफल सोपान उच्च शिखर ही सिद्ध सिंद्धान्त स्वंय संतुष्टि का यंत्र तंत्र ही विकल्प प्राणि प्राण का सत्य सार गाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

46-काल पल प्रहर संबंधी भाव नेह स्नेह का प्रवाह माया मोह काया का व्यवहार स्वार्थ मै गाता हूं ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

47-आत्मिय ईश्वर सत्य भाव नर नारायण यथार्थ नारायण सेवा धर्म अभिप्राय नर नारायण का मर्म सत्य बोध मैं कराता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

48-स्नेह सम्बन्धो से ही अपने चेतना का संग प्रसंग स्वंय सिद्ध योग प्रयोग संबंध समाज स्वयं स्वार्थ का काल मै दिखाता बताता हूं ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

49-कर्म फल भोग संबंध सत्संग समाज नैतिक दृष्टि का काल वर्तमान अतीत बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

50-इच्छा अभिलाषा भोग मोह माया काया संबंध पल प्रहर जन्म जीवन उद्देश्य अवसर उपलब्धि काल नियति मै गाता हूं ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

51-स्वार्थ उद्देश्य अहं टकराव सम्बन्ध अंहकार घर्षण कि जिंगारी ज्वाला का अतीत वर्तमान मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

52-जन्म साथ काल प्रहर दिवस निशा संध्या प्रभात जीवन शैने शैने होता जाता समाप्त जीवन यथार्थ का दर्पण दिखाता हूं।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

53-हर जन्म दिवस पर नव जन्म आभास अंत नही विश्वास जन्म जीवन निरंतरता का सत्त्यार्थ धुंध मैं बताता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

54-जन्म दिन उदित उदय सौर्य सूर्य खुशी आशाओं का समाज परिवार पल प्रहर नए सपनो का साथ जीवन राग मै बताता हूं।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

56-जीवन संध्या पूर्णता अपूर्णता के मध्य विखराव का जीवन मूल्य भाव मैं गाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

57-आकांक्षाओं के उद्देश्य पथ मिलते बिछुड़ते सम्बन्ध नव आकांकक्षा जन्म उद्देश्यो के बदलते पथ परिणाम संघर्ष संग्राम मै सुनाता हूं ।
गीत नया गाता हूं गीत नता गाता हूं।।

58-स्वार्थ वास्तविकता परमार्थ नर नारायण सत्य छल छद्म का पराक्रम काल का प्रपंच मै सुनाता हूँ ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

59-आकांक्षा प्रेम सत्कार इच्छा आशा दृष्टि आकांक्षा पथ जीवन कि पुकार स्वर साज मै बताता हूं।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

60-आ रहा हूँ मैं समेट लूंगा अपनी काया आकांक्षा आवरण में जन्म जीवन पथ संघर्ष संग्राम मैं गाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

61-जन्म पल प्रहर काल गति साथ हर सूर्योदय प्रभात नव जन्म जीवन उद्देश्य अनुभूति का भाव मै जगाता हू।।

62-नव पुरुषार्थ जागृति अंतर्मन चैतन्य सत्ता जागता पुरुषार्थ संध्या निशा जीवन कि चीरता में चिर निद्रा अनुभूति जन्म जीवन मूल्य बोध मैं जगाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

63–शब्द स्वर साथ छोड़ते भावना आकांक्षा तरंग तूफान नही छोड़ते साथजन्म जीवन बीतते पल प्रहर कि दिशा दृष्टि मै दिखाता हूं।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

64-काल के अधूरे पराक्रम कि अनुभूति अनुभव जीवन सांध्य मैं सुनाता हूँ।।
गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

Language: Hindi
1 Like · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
“परीक्षा”
“परीक्षा”
Neeraj kumar Soni
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
घर एक मंदिर🌷
घर एक मंदिर🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बैठे थे किसी की याद में
बैठे थे किसी की याद में
Sonit Parjapati
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
🐍भुजंगी छंद🐍 विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11वर्ण,,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत]
Neelam Sharma
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
Ranjeet kumar patre
अपने आत्मविश्वास को इतना बढ़ा लो...
अपने आत्मविश्वास को इतना बढ़ा लो...
Ajit Kumar "Karn"
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
इशरत हिदायत ख़ान
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
राधा के दिल पर है केवल, कान्हा का अधिकार
Dr Archana Gupta
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
4631.*पूर्णिका*
4631.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
अधूरे रह गये जो स्वप्न वो पूरे करेंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
*प्रणय*
दो नयनों की रार का,
दो नयनों की रार का,
sushil sarna
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
यह पतन का दौर है । सामान्य सी बातें भी क्रांतिकारी लगती है ।
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
समस्या विकट नहीं है लेकिन
समस्या विकट नहीं है लेकिन
Sonam Puneet Dubey
संघर्ष और निर्माण
संघर्ष और निर्माण
नेताम आर सी
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
पूर्वार्थ
ईर्ष्या
ईर्ष्या
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क
इश्क
Sanjay ' शून्य'
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
इंतज़ार करने की लत
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
*नई मुलाकात *
*नई मुलाकात *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
आज भी कभी कभी अम्मी की आवाज़ सुबह सुबह कानों को सुन
shabina. Naaz
Loading...