गीत/ नग़मे:- नज़रें मिला के तुमने तराना हमे दिया
बह्र- म़जारे मुसम्मन अख़रब मक्फूफ़ मक्फूफ़ महज़ूफ
अरकान:- मफ़ऊलु फ़ाइलातु मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
रुक्न:- (221 2121 1221 212)
नज़रें मिला के तुमने तराना हमे दिया।
यूँ मुस्कराहटों का खज़ाना हमे दिया।।
मदहोश कर दिया हमें नज़रें मिला के यूँ।
अब होश में रहें न ऐ साक़ी पिला दे यूँ।।
इक नाम आशिक़ी ने दिवाना हमे दिया।।
यूँ मुस्कराहटों……
दिलबर की धड़कनों से ही सरगम मिला करें।
साँसों से उनकी अब मेरी साँसें चला करें।।
ख़ुशियों भरा सफ़र ये सुहाना हमे दिया।
यूँ मुस्कराहटों……
मिलना नही हो ऐसा जुदाई हमे मिले।
पाने की चाह दिल में है खोने का डर लगे।।
ख़ुद अपनी चाहतों ने रुलाना हमे दिया।
यूँ मुस्कराहटों ……
अपना बना लूँ तुमको है ये आरज़ू मेरी।
पा लूं तुम्हे सदा के लिए ज़ुस्तज़ू मेरी।।
चाहत ने मेरी ज़ाना फ़साना हमे दिया।
यूँ मुस्कराहटों ……
✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’