#गीत//तिरंगा
समझ तिरंगे की गाथा को ,
एक नेक मन हो जाए।
कोटि-कोटि संकल्प हमारा ,
झंडा ऊँचा लहराए।।
लहर तिरंगा फहर तिरंगा ,
देश-प्रेम को समझाए।
ओज शांति हरियाली चाहे ,
रोम-रोम तन हर्षाए।
मान बढ़ाए शान बढ़ाए ,
आन देश की कहलाए।
देशभक्ति की परिभाषा हो ,
जोश हृदय में उपजाए।।
समझ तिरंगे की गाथा को ,
एक नेक मन हो जाए।
कोटि-कोटि संकल्प हमारा ,
झंडा ऊँचा लहराए।।
चौबीस तीलियाँ चक्र सजी ,
याद अशोका की आए।
सीख यही गतिशील बनें हम ,
चक्र हमें ये बतलाए।
प्रीत सिखाए मीत बनाए ,
गीत ज़श्न के भर जाए;
प्राणों से भी प्यारा हमको ,
एक तिरंगा मन भाए।।
समझ तिरंगे की गाथा को ,
एक नेक मन हो जाए।
कोटि-कोटि संकल्प हमारा ,
झंडा ऊँचा लहराए।।
नमन करें हम उन वीरों को ,
आज़ादी दिन दिखलाए।
देकर प्राण तिरंगे. खातिर ,
अमर वीर वो कहलाए।
देश हमारा सबसे प्यारा ,
आगे ही बढ़ता जाए;
रहे तिरंगा ऊँचा जग मे ,
गीत विश्व का हो जाए।।
समझ तिरंगे की गाथा को ,
एक नेक मन हो जाए।
कोटि-कोटि संकल्प हमारा ,
झंडा ऊँचा लहराए।।
#आर.एस.’प्रीतम’