गीत- चुराता हूँ सभी का दिल…
चुराता हूँ सभी का दिल सुहाने गीत गाकर मैं।
बड़ा ख़ुश हूँ तुझे पाया यही इक जीत पाकर मै।।
तेरे बस साथ में जीवन लगे प्यारा बड़ा अच्छा।
वचन संस्कार देखूँ रंग तेरा यार हर सच्चा।
बिछा दूँगा कहो क़दमों में अंबर मीत लाकर मैं।
बड़ा ख़ुश हूँ तुझे पाया यही इक जीत पाकर मै।।
तेरे दिल प्यार की क़ीमत लगाऊँ तो बुरा हूँ मैं।
मगर मदहोश कर दूँगा मुहब्बत की सुरा हूँ मैं।
तेरा आशिक हूँ हमदम हूँ रिझाऊँ रीत चाहकर मैं।
बड़ा ख़ुश हूँ तुझे पाया यही इक जीत पाकर मै।।
मुझे तुमसे तुझे मुझसे नहीं शिकवा शिकायत है।
यही ‘प्रीतम’ दिलों की आरज़ू चाहत इनायत है।
बहुत ख़ुश हूँ तुझे पाकर नये सपने सजाकर मैं।
बड़ा ख़ुश हूँ तुझे पाया यही इक जीत पाकर मै।।
आर. एस. ‘प्रीतम’