गीत गुनगुनाएंगे
आप अपना जो हमे बनाएंगे
आपके ही गीत गुनगुनाएंगे
बेरूखी यूं ना तुम जताओ
तुमसे दूर हम ना रह पाएंगे
प्यार मे इतना तो हक देदो सनम
कुछ तो हम भी तुमहे सताएंगे
गर कभी रूठ भी गये तो सनम
तुमको फिर प्यार से मनाएंगे
प्यार मोहन से है अगर सच्चा
फिर दुसरी राह क्यू हम जाएंगे