गीत- कोई एहसास दिल भरदे…
कोई एहसास दिल भरदे ख़ुशी से प्रेम कहलाए।
कोई अरदास दिल भरदे हँसी से प्रेम कहलाए।।
किसी के दीद से ग़म भूल जाते हैं ज़माने के।
किसी की बात से हल खोज़ पाते हैं फ़साने के।
किसी का साथ रोके हर बदी से प्रेम कहलाए।
कोई अरदास दिल भरदे हँसी से प्रेम कहलाए।।
सिफ़ारिश दाद की करता गुज़ारिश चाह की रखता।
हमेशा प्रेरणा बनता सलामत ज़िंदगी करता।
चमन दिल का बहारों से खिलाए प्रेम कहलाए।
कोई अरदास दिल भरदे हँसी से प्रेम कहलाए।।
लिए विस्तार सागर-सा खुला आकाश जैसा हो।
भरे ख़ुशबू जो रंगों से हृदय मधुमास जैसा हो।
मिलन उस नूर का ‘प्रीतम’ सुधी से प्रेम कहलाए।
कोई अरदास दिल भरदे हँसी से प्रेम कहलाए।।
आर.एस. ‘प्रीतम’