Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी…

कहो ख़ुद की सुनो सबकी यही आदत सुहानी।
अकेले से नहीं बनती कभी कोई कहानी है।।

हवा पानी कि मौसम धूप मिट्टी बीज मेहनत से।
बने तरुवर तने तरुवर बचा ख़ुद को कि आफ़त से।
सभी के साथ से मिलती हृदय को नव रवानी है।
अकेले से नहीं बनती कभी कोई कहानी है।।

मिलो मिलके खिलो सबसे गुलाबों की तरह हरपल।
रचो अपनी इबारत तुम नवाबों की तरह निश्छल।
मुहब्बत से मुहब्बत की इबादत नित सजानी है।
अकेले से नहीं बनती कभी कोई कहानी है।।

उठाओ कर्म का भाला ज़रा फैंकों निशाने पर।
यकीं ख़ुद पर करो पहले करो फिर तुम ज़माने पर।
विजय होगी तेरी ‘प्रीतम’ दुवा सबकी सजानी है।
अकेले से नहीं बनती कभी कोई कहानी है।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
कोशिशों की न पूछ कुछ हमसे,
कोशिशों की न पूछ कुछ हमसे,
Dr fauzia Naseem shad
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
राम नाम की प्रीत में, राम नाम जो गाए।
manjula chauhan
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
"सपनों का सफर"
Pushpraj Anant
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
2643.पूर्णिका
2643.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
आईना
आईना
Pushpa Tiwari
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
आज का नेता
आज का नेता
Shyam Sundar Subramanian
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
Dheerja Sharma
ସେହି କୁକୁର
ସେହି କୁକୁର
Otteri Selvakumar
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
दिल तो ठहरा बावरा, क्या जाने परिणाम।
Suryakant Dwivedi
बीज अंकुरित अवश्य होगा
बीज अंकुरित अवश्य होगा
VINOD CHAUHAN
बेहतर और बेहतर होते जाए
बेहतर और बेहतर होते जाए
Vaishaligoel
किया आप Tea लवर हो?
किया आप Tea लवर हो?
Urmil Suman(श्री)
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
*करते श्रम दिन-रात तुम, तुमको श्रमिक प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पृष्ठ- पृष्ठ पर प्यार के,
पृष्ठ- पृष्ठ पर प्यार के,
sushil sarna
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
My biggest fear is attachment.
My biggest fear is attachment.
पूर्वार्थ
होता नहीं कम काम
होता नहीं कम काम
जगदीश लववंशी
Loading...