गीत :अ दोस्त मेरे….दूर क्यों बैठा है तू
अ दोस्त मेरे, दूर क्यों बैठा है तू
पास आ, कोई बात तो कर ले।
ये दिल है तेरा………..
मुलाक़ात तो कर ले।
अंतरा-1
अपनो से क्या नाराज़गी,गिले-शिकवे करना।
दिल से मिला दिल,तू दिल में….उतरना।
तन्हा है मेरा दिल……………..
तू साथ तो करले।
पास आ कोई बात तो करले।
अंतरा-2
इंतज़ार की सब हदें,पार कर चुका है दिल।
क़सम ख़ुदा की तुमपर,दिलो-जां से मर चुका है दिल।
अब कैसे हो सब्र………………
तू ख़्यालात तो करले।
पास आ कोई बात तो कर ले।
अंतरा-3
अंबर में हैं चाँद-तारे और सागर में है पानी।
इस दिल में तो है बस, तेरी ही एक कहानी।
उतर दिल के काशाने में………….
मालूमात तो कर ले।
पास आ कोई बात तो कर ले।
ये दिल है तेरा……….
मुलाक़ात तो कर ले।
गीतकार :राधेश्याम “प्रीतम”
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