Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2017 · 1 min read

“गीतिका”

“गीतिका”
तकते मेरी राह, कहो कबतक भटकोगे
रहते तुम चुपचाप, भला कैसे सुलझोगे
हँसती कब दीवार, बिना खिड़की के खोले
इतनी सी है बात, न जाने कब समझोगे।।
मन में होगी आस, पास आये कोयलिया
बिना अधर के राग, सुर वीणा में भरोगे।।
चाहत की बरसात, बदरिया छाए बरसे
भौंरा भीगे डाल, फूल पंखुड़ी बसोगे।।
कुछ तो करो विचार, भली कब माघी बदरी
बिना जेठ के ताप, क्वार में दाल दलोगे।।
जाओ अपने धाम, बनो न राह में रोड़ा
किया करो कुछ काम, ठेस दुख यार सहोगे।।
“गौतम” की गति जान, सकुचि समझाए गोरी
दिखी गैर की नाव, बैठ कर तुम उतरोगे।।
महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी

167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
यह जनता है ,सब जानती है
यह जनता है ,सब जानती है
Bodhisatva kastooriya
*रामचरितमानस में गूढ़ अध्यात्म-तत्व*
*रामचरितमानस में गूढ़ अध्यात्म-तत्व*
Ravi Prakash
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
sudhir kumar
2749. *पूर्णिका*
2749. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गंगा से है प्रेमभाव गर
गंगा से है प्रेमभाव गर
VINOD CHAUHAN
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
DrLakshman Jha Parimal
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
स्त्री का सम्मान ही पुरुष की मर्दानगी है और
Ranjeet kumar patre
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
कभी किसी को इतनी अहमियत ना दो।
Annu Gurjar
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#विजय_के_23_साल
#विजय_के_23_साल
*Author प्रणय प्रभात*
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
आँशुओ ने कहा अब इस तरह बहा जाय
Rituraj shivem verma
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्या अजीब बात है
क्या अजीब बात है
Atul "Krishn"
आज, पापा की याद आई
आज, पापा की याद आई
Rajni kapoor
Loading...