Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2021 · 1 min read

गीतिका (गजल)

गीतिका
के लिए
***********
आपदा में कुछ लगे व्यापार करने के लिए।
अस्पतालों में जगह न,पांव धरने के लिए ।

आसमानी दाम आक्सीजन कहीं इंजेक्शन,
ले रहे हैं नोट गोदामों में भरने के लिए ।

आम जनता ने बताया अपने जीवन का मरम,
मैं बनी हूँ वोट देने और मरने के लिए ।

क्यों लगाई पैसे बिन धनियों की बीमारी गले,
बोल जै श्री राम बंदे,जग से तरने के लिए ।

खेत में हरियाली है, तो तू नहीं खा पाएगा,
पाले पोसे छूटे हैं कई साँड़ चरने के लिए ।

बंद कर मुँह मास्क से दूरी बना, ऐलान सुन,
शीघ्र राजा आएंगे अब पीर हरने के लिए ।

गुरू जी दो डोज मारे,पार सत्तर के हुए,
घर में हैं तो क्या बचा है ,और डरने के लिए ।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश

2 Comments · 343 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"रुकना नही"
Yogendra Chaturwedi
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक पल हॅंसता हुआ आता है
एक पल हॅंसता हुआ आता है
Ajit Kumar "Karn"
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!!! होली आई है !!!
!!! होली आई है !!!
जगदीश लववंशी
जीवन और जिंदगी
जीवन और जिंदगी
Neeraj Agarwal
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
3128.*पूर्णिका*
3128.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक झलक
एक झलक
Dr. Upasana Pandey
* मन बसेगा नहीं *
* मन बसेगा नहीं *
surenderpal vaidya
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
किताबों में तुम्हारे नाम का मैं ढूँढता हूँ माने
आनंद प्रवीण
और क्या कहूँ तुमसे मैं
और क्या कहूँ तुमसे मैं
gurudeenverma198
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
Dheerja Sharma
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
वो जुगनुओं से भी गुलज़ार हुआ करते हैं ।
Phool gufran
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
पसीने वाली गाड़ी
पसीने वाली गाड़ी
Lovi Mishra
लाल उठो!!
लाल उठो!!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
समर्थवान वीर हो
समर्थवान वीर हो
Saransh Singh 'Priyam'
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
"बिलखती मातृभाषा "
DrLakshman Jha Parimal
*शुभ विवाह की मंगल-ध्वनि से, विहॅंस रहा संसार है (गीत)*
*शुभ विवाह की मंगल-ध्वनि से, विहॅंस रहा संसार है (गीत)*
Ravi Prakash
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
Loading...