गिरधर गोपाल
श्री गिरधर गोपाल हैं,मेरे एक अधार।
सुमिरन से करते सदा,नैया भव से पार।।
नैया भव से पार,कर्म का योग सिखाते।
गीता के सद्भाव, मन्त्र चिन्तन का गाते।।
मोहक मुरली तान,सुनाते हैं नटवर जी।
जगजीवन आधार ,हमारे हैं गिरधर श्री।।
डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी