गिनीज़ बुक में सरदार पटेल
भारतवर्ष को एकता में बाँधे रखने के लिए न चाहकर भी ‘डिक्टेटरशिप’ आवश्यक है ! भारत की जो हम अभी तस्वीर देख रहे हैं, उसे एकत्व में लाने के लिए सरदार (वल्लभभाई पटेल) ने असरदार कार्य किए थे, इसमें कोई दोराय नहीं है ! प्रेम से, पुलिसिया डंडे से और क्रूरता से भी….
सरदार पटेल को ‘दण्ड’ कूटनीति के कारण ही उन्हें भारतीय राजनीति का ‘डिक्टेटर’ भी कहा जाता है ! उदण्ड बच्चों पर अंकुश लगाने के लिए परिवार में ‘पिता’ भी तो क्रूरतम हो जाते हैं, बावजूद सरदार पटेल की ‘एकता’ नीति को हम अनदेखे नहीं कर सकते ! हाँ, उसके कारण ही भारत का यह वर्त्तमानस्वरूप है !
गिनीज बुक के 2020 संस्करण के पृष्ठ संख्या- 190-191 पर संसार के ‘टॉलेस्ट स्टेचू’ के रूप में उनकी प्रतिमा को स्थान मिली है, जो उनकी जन्मभूमि गुजरात में बनी है, जिनकी वजन भी संसार में बनी सभी प्रतिमाओं में सर्वाधिक है ! हर मनुष्य को यह प्रतिमा देखनी चाहिए। उसे देखकर अवश्य लगेगा कि वे ‘लौह पुरुष’ थे, हैं और रहेंगे सदा !