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28 Jun 2023 · 1 min read

गाली भरी ज़िदगी / MUSAFIR BAITHA

जो लोग अपना मुँह पवित्र बनाए रखने की वकालत करते हैं, अच्छा करते हैं। वैसे, यथार्थतः वे कितना पवित्र रख पाते हैं अपने मुख को, पता नहीं!

मग़र मैं तो उस आदमी को गाली देने में यक़ीन रखता हूँ जो इंसान बनने के लिए तैयार नहीं है।

वैसी व्यवस्था और व्यक्ति को नियमपूर्वक गाली देना चाहता हूँ जिनके चलते हम दलितों की ज़िंदगी ही गाली बनी हुई है।

Language: Hindi
84 Views
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