Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

गांव

अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
कूलर-फ्रिज़ की याद न आई!!
दिनचर्या कुछ ऐसी भाई,
जीवन मे छाई अरुणाई !! अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
कोयल की जब दी कूक सुनाई,
तज खटिया,मस्तक धूरि लगाई!!अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
भईया ने दातुन नीम थमाई!
भौजी दौड लोटा पानी लाई!!अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
कक्का ने कसरत करवाई !
काकी नौनी छाछ ले आई!! अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
दोपहर पीपल नीचे खाट बिछाई!
ठंडी-ठंडी हवा चली पुरवाई!!अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
गाय चराते,आम चुराते साझ हो आई!
घर पहुचे तो चूल्हे की रोटी पाई,!!अबकी गर्मी गँ|व बिताई!
नदिया पार सूर्य ले रहा बिदाई!
शान्त मनोरम दृश्य देय दिखाई!!अबकी गर्मी गँ|व बिताई!

सर्वाधिकार सुरछित मौलिक रचना
बोधिसत्व कस्तूरिया,एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,फेस-2,सिकंदरा,आगरा-282007
मो;9412443093

Language: Hindi
110 Views
Books from Bodhisatva kastooriya
View all

You may also like these posts

समय का इंतज़ार
समय का इंतज़ार
अनिल "आदर्श"
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
शेखर सिंह
मेरे नसीब
मेरे नसीब
ललकार भारद्वाज
अहम तोड़ता आजकल ,
अहम तोड़ता आजकल ,
sushil sarna
गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार
गहरी नदिया नांव पुराने कौन है खेवनहार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
A pandemic 'Corona'
A pandemic 'Corona'
Buddha Prakash
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं थी,पर समय सबके पास था
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं थी,पर समय सबके पास था
Ranjeet kumar patre
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
शुक्रिया-ए-ज़िंदगी तेरी चाहतों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुरीयों के बावजूद...
दुरीयों के बावजूद...
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
ഋതുമതി
ഋതുമതി
Heera S
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कवि गंग (रीतिकालीन)
कवि गंग (रीतिकालीन)
Indu Singh
LIVE IN THE PRESENT
LIVE IN THE PRESENT
पूर्वार्थ
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
जो व्यक्ति आपको पसंद नहीं है, उसके विषय में सोच विचार कर एक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
आई है होली
आई है होली
Meera Thakur
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
*प्रणय*
तितली
तितली
Mansi Kadam
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
Shinde Poonam
कितने भारत
कितने भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*......कब तक..... **
*......कब तक..... **
Naushaba Suriya
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
*लक्ष्य हासिल हो जाएगा*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संवेदनाओं का भव्य संसार
संवेदनाओं का भव्य संसार
Ritu Asooja
शीर्षक:जज़्बात ए ख़्याल
शीर्षक:जज़्बात ए ख़्याल
Dr Manju Saini
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
यूँ तो कोई ग़म नहीं
यूँ तो कोई ग़म नहीं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...