Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 1 min read

लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा

लाख देखे हैं चेहेरे, मगर तुम सा नहीं देखा
प्यार था बहुत, पर तुम्हें कहे नहीं सखा

याद आती है बहुत, मगर तुम को भूला नहीं सखा
तुम्हारा मिलना है मुश्किल, पर ये दिल समझ नहीं सखा

दूर हो तुम मूझ से,मगर याद ने तेरी पास है रखा
कितना चाहते हैं तुम्हें,पर तू ये महसूस कर नहीं सखा

लाख की कोशिश,मगर उस को नाकाम होते देखा
बहुत दर्द हूआ,पर हार मानना नहीं सीखा

मिल गयी सबको मंजिल, मगर हम को ही दूर रखा
बुरे नहीं है हम, पर हालात मैं मायूस रहना सीखा

Language: Hindi
1 Like · 48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
नवीन जोशी 'नवल'
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"मुशाफिर हूं "
Pushpraj Anant
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और खासकर जब बुढ़ापा नजदीक
Shashi kala vyas
बुजुर्ग ओनर किलिंग
बुजुर्ग ओनर किलिंग
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
ये धोखेबाज लोग
ये धोखेबाज लोग
gurudeenverma198
ओ पथिक तू कहां चला ?
ओ पथिक तू कहां चला ?
Taj Mohammad
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
" जय भारत-जय गणतंत्र ! "
Surya Barman
तुम्हे नया सा अगर कुछ मिल जाए
तुम्हे नया सा अगर कुछ मिल जाए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
💐प्रेम कौतुक-431💐
💐प्रेम कौतुक-431💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक पल में ये अशोक बन जाता है
एक पल में ये अशोक बन जाता है
ruby kumari
यूनिवर्सिटी के गलियारे
यूनिवर्सिटी के गलियारे
Surinder blackpen
2481.पूर्णिका
2481.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
*।। मित्रता और सुदामा की दरिद्रता।।*
Radhakishan R. Mundhra
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
लइका ल लगव नही जवान तै खाले मलाई
Ranjeet kumar patre
खूबसूरत है....
खूबसूरत है....
The_dk_poetry
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
शिक्षक
शिक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हुईं वो ग़ैर
हुईं वो ग़ैर
Shekhar Chandra Mitra
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
Loading...