गांव गाय अरु घास बचाओ !
** गांव गाय अरु घास बढ़ाओ,
शहरीकरण नहीं उपचार!**
बढ़ते लालच का सर्वाधिक,पर्यावरण ही बना शिकार।
बन्द करो पोली पैकेजिंग, सादा जीवन उच्च विचार ।।
सार्वजनिक वाहन अपनायें जल संचय को करें नमन।
उपजायें बायो गैस ! मगन हो, सौर ऊर्जा और पवन।।
दूषित गैसें चिमनी से निकलें,धरा के भीतर उन्हें दबायें।
स्वच्छता बढ़ाएँ,सही रीति से,कूड़ाकचरा भी निपटाएं।।
ऊर्जा की खपत करें कम , हम ऐसे उपकरण लगाएं।
ओल्ड खटारा उपकरणों का, निपटारा भी करवाएं ।।
महासागरीय और भूतापीय ऊर्जा का भी विस्तार करें।
हाइड्रोजन के उत्पादन में,खुशहाली के ज़्यादा आसार।।
आपदा प्रवंधन बेहतर हो,अरु कम ईंधन खपत सराहें।
नदी ,तालाब ,बाबड़ी शोधें, “जल” जीवन यदि चाहें।।
सूखारोधी बीज की नस्लें,फाइबर युक्त पौष्टिक फसलें।
ए.सी.फ्रिज से दूर चलें हम हरियाली संग इनको बदलें।।
यात्रा प्लेन की महँगी कर दें ,और कर दें रेल को सस्ता।
तो पर्यावरण सुरक्षा होगी , सुधरेगी इकोनॉमी खस्ता।।
है दलदली भूमि धरती पर, जैव विविधता का भण्डार।
गांव,गाय अरु घास बढ़ाओ,शहरीकरण नहीं उपचार।।