गांव का घर
गांव के घर में बसी गहरी बातें,
सरसराती हवा में उमंग लाते हैं!!
खेतों की माटी में बसी वो खुशबू,
मेहनत की लम्बी कहानी सुनाते हैं!!
चारों ओर हरियाली की एक छाया,
प्रकृति की आधारशिला यहाँ छा गई!!
अनंत सुखों का प्यारा नगर है यह घर,
खुशियों की कहानी यहाँ आ सिमट गई!!
घर की दीवारों में ढ़लती है शांति,
संगीत की धुन पर नाचते बिताते हैं!!
छोटी-बड़ी खुशियाँ बांटते हैं यहाँ,
प्यार की बंधनों को जड़ों में बाँधते हैं!!
गांव की सदियों से चमकती है बस्ती,
पूर्वजों की मेहनत का निशान ये है!!
समर्पण और प्रेम की पवित्र ये भूमि,
गांव का घर जीवन जीने की शान ये है!!
दिन की मेहनत और रातों का आराम,
गांव की धरती पर हमेशा निवास करें!!
जो निवास करते हैं धन्य गांव के घर में,
हृदय की शांति, आनंद का संगीत सुना करें!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़