गांवों की बाड़ियां
गांव की ये बाड़ियां, गाँव की बाड़ियां।
सुबह -सुबह आती इनसे महकती खुशबू।।
गांव में मन मोहने वाली सुगंध फैल जाती।
सुबह-सुबह ही किसान बाड़ियो में काम पे जाते।।
बाड़ियों को देख गांव के लोग झूम जाते।
बाड़ियों का दृश्य हैं मन को मोह लेता।।
बाड़ियों के फल सब्जी खाकर लोग सेहत बनाते।
और बाड़ियों फल सब्जी बेच मुनाफा कमाते।।
कितना अच्छा लगता है भंवरों का गुनगुनाना।
फल फूल लगे बाड़ियों जैसे स्वर्ग ही आ जाता।।
बाड़ियों में सुबह लगती हैं चिड़िया चहचहाने।
बारिश की आने से बाड़ियां हरी भरी हो जाते।।
किसानों की मेहनत बाड़ी में फल फूल आ जाती।
रोज बाड़ियों में रंग बिरंगी तितलियां भी आती।।
जीवन के सारे सुख बाड़ियों में ही समाएं।
सपनों से भी सुंदर हैं गांवों की बाड़ियां।।
लोगों की सफलता और खुशहाली की पहचान हैं ये बाड़ी।
लोगो को जीवन भर रोजगार प्रदान करे ये बाड़ी।।