“गाँव चले हम”
चलो चले हम,
गाँव चले हम!
आओ चले हम,
गाँव चले हम!
ये झुटी नगरी,
छोड़ चले हम!
ये झुटे सपने,
तोड़ चले हम!
चलो चले हम,
गाँव चले हम!
आओ चले हम,
गाँव चले हम!
चल कर के,
सपनो के पीछे!
दूर निकल गए,
कितने हम!
छोड़के अब हम,
सारे गम!
चलो चले हम,
गाँव चले हम!
जहाँ मिलकर के,
सब एक संग!
मनाएंगे होली,
और ईद हम!
आओ चले हम,
गाँव चले हम!
चलो चले हम,
गाँव चले हम!
(((ज़ैद बलियावी)))