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29 Sep 2024 · 1 min read

ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,

ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
आगे जीवन में बढ़ना पड़ता है,
बात-बात पे गर यूॅं ही उबलेंगे तो…
उबलते वाष्प में जलना पड़ता है।

… अजित कर्ण ✍️

1 Like · 12 Views
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