Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

दर्द के किस्से सुनाता आदमी
जा रहा है मुस्कुराता आदमी

आँख से आँसू छलकते है भले
होठ से पर गुनगुनाता आदमी

साँस भी मजबूरियों की ले रहा
ज़िन्दगी का ज़हर खाता आदमी

इत्मिमानों के कई चेहरे लिए
रूह से है छटपटाता आदमी

मंजिलों की चाह में यूँ भटकता
ख़ुद से जाता ख़ुद में आता आदमी

नफरतों से जल रहे ज़ुबां मगर
प्यार के नगमें सुनाता आदमी

हमको लगता है महज़ इस दौर में
लूटता ख़ुद को लुटाता आदमी

Language: Hindi
1 Like · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all
You may also like:
My Precious Gems
My Precious Gems
Natasha Stephen
खूब  उलझता हूँ रिश्तों के जालों में।
खूब उलझता हूँ रिश्तों के जालों में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी को जीना है तो याद रख,
ज़िंदगी को जीना है तो याद रख,
Vandna Thakur
زندگی کب
زندگی کب
Dr fauzia Naseem shad
भगवा रंग छाएगा
भगवा रंग छाएगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
आँखों में कुछ नमी है
आँखों में कुछ नमी है
Chitra Bisht
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कविता -
कविता - " रक्षाबंधन इसको कहता ज़माना है "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
3140.*पूर्णिका*
3140.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
मुक्तक-विन्यास में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
" सफलता "
Dr. Kishan tandon kranti
*गीत*
*गीत*
Poonam gupta
पिछले पन्ने 3
पिछले पन्ने 3
Paras Nath Jha
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
श्रध्दा हो तुम ...
श्रध्दा हो तुम ...
Manisha Wandhare
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
अ
*प्रणय*
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
manorath maharaj
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
लड़ाई बड़ी है!
लड़ाई बड़ी है!
Sanjay ' शून्य'
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मां की याद
मां की याद
Neeraj Agarwal
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
Loading...