Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

मिलेंगे रब उन्हें जिनकी दुवा दिल को छुआ करती
दुवा इंसानियत ख़ातिर हमेशा ही दुवा करती/1

जलाओ दीप घंटा भी बजाओ याद पर रखना
बिना भगवान गुन अपना नहीं पूजा हुआ करती/2

हृदय में भेद जिसके है नहीं इंसान दानव है
बुराई की सदा हस्ती मिटी सुनलो मिटा करती/3

अभी चोरी अभी लालच अभी रिश्वत सुहाती हैं
मगर तीनों ख़ुशी लूटें रुलाकर ही ज़ुदा करती/4

समझ आती नहीं दंभी अगर हम बन चलें यारों
मगर ये वक़्त की भाषा समझ की हर घटा करती/5

कभी हारो मगर समझो परीक्षा है यही अपनी
कमी समझी विजय की हर कहानी वो अदा करती/6

बिछाओ प्रीत की चादर मुहब्बत का अदब समझो
मिलन सबसे रहे अच्छा जवानी नव रचा करती/7

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
शुभ प्रभात संदेश
शुभ प्रभात संदेश
Kumud Srivastava
जिंदगी की राह में हर कोई,
जिंदगी की राह में हर कोई,
Yogendra Chaturwedi
ता थैया थैया थैया थैया,
ता थैया थैया थैया थैया,
Satish Srijan
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
#मानवता का गिरता स्तर
#मानवता का गिरता स्तर
Radheshyam Khatik
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
3375⚘ *पूर्णिका* ⚘
3375⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
" कृष्णक प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
#अलग_नज़रिया :-
#अलग_नज़रिया :-
*प्रणय*
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Dil toot jaayein chalega
Dil toot jaayein chalega
Prathmesh Yelne
लड़की किसी को काबिल बना गई तो किसी को कालिख लगा गई।
लड़की किसी को काबिल बना गई तो किसी को कालिख लगा गई।
Rj Anand Prajapati
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी जीने के लिए है
ज़िंदगी जीने के लिए है
Meera Thakur
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
Ragini Kumari
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
खयालों ख्वाब पर कब्जा मुझे अच्छा नहीं लगता
खयालों ख्वाब पर कब्जा मुझे अच्छा नहीं लगता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...