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13 Dec 2023 · 1 min read

#ग़ज़ल

#ग़ज़ल

नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
जम़ीं बंजर में गुल कोई खिला दो तो तुम्हें जानें/1

सुनो बातें बनाने से उजाला हो नहीं सकता
अँधेरे में मशालें तुम जला दो तो तुम्हें जानें/2

यहाँ झूठे बहाने ही बनाते हैं सदा देखा
कभी सच आइना बनके दिखा दो तो तुम्हें जानें/3

तुम्हें हमसे हमें तुमसे मुहब्बत हो गई सच में
नज़र सीधी ज़रा हँसकर मिला दो तो तुम्हें जानें/4

तुम्हारे ज़ख्म देखे हैं बड़ी तकलीफ़ में हो तुम
वजह इनकी अगर दिल से बता दो तो तुम्हें जानें/5

तुम्हारी भूल भी तुमको सिखाती है अगर समझो
जमी जो धूल आँखों में हटा दो तो तुम्हें जाने/6

कभी ‘प्रीतम’ ग़लत राहें बता सकता नहीं भूले
ज़रा विश्वास इतना भी जता दो तो तुम्हें जानें/7

आर. एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 180 Views
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