ग़ज़ल
दिल में लगता है कोई बात दबी हो जैसे।
बात जो दिल ने कहा तुमने सुनी हो जैसे।
इस तरह मैं तेरी आगोश में सो जाऊंगा।
जागते जागते ये उम्र कटी हो जैसे।
दूर जाकर सगीर एहसास हुआ है अब तो।
जिस्म से जान जुदा, सांस रुकी हो जैसे।
दिल में लगता है कोई बात दबी हो जैसे।
बात जो दिल ने कहा तुमने सुनी हो जैसे।
इस तरह मैं तेरी आगोश में सो जाऊंगा।
जागते जागते ये उम्र कटी हो जैसे।
दूर जाकर सगीर एहसास हुआ है अब तो।
जिस्म से जान जुदा, सांस रुकी हो जैसे।