ग़ज़ल
ग़ज़ल–
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बता दो नफरतों से क्या मिला है?
बहुत खूनी अजी यह सिलसिला है।।1।।
बढ़ी है दुश्मनी जबसे दिलों में,
हिला अब तो मुहब्बत का किला है।।2।।
सदी गुजरी, गयी देकर निशानी,
दिलाता याद चलता काफिला है।।3।।
कभी तो जन्मधरती एक ही थी,
नहीं है आज ऐसा ,यह गिला है।।4।।
बढ़ाओ दोसती,कह दे जहाँ ये,
नहीं वह पाक,भारत का जिला है।।5।।
**माया शर्मा,पंचदेवरी,गोपालगंज(बिहार)**