ग़ज़ल
अरकान — फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन।
वज़्न— 2122 2122 2122 212
क्या बताऊँ क्या मिला है, तुझको अपनाने के बाद।
मैंने सब कुछ पा लिया है, इक तुझे पाने के बाद।
तू ना था दुनिया मेरे, दिल की बड़ी वीरान थी।
हो गयी पुरनूर दुनिया, इक तेरे आने के बाद।
उस जवाबे नाज के, कुरबान हैं लाखों सवाल।
जो दिया है जाने जाना, तूने शरमाने के बाद।
याद हैं बरसात के, मौसम की प्यारी साअतें।
वो लिपट जाना तेरा, बिजली से घबराने के बाद।
इस जमीनो आसमाँ में, अब ठिकाना है नही।
टूटा तारा हो गया तुझसे बिछड़ जाने के बाद।
उम्र भर हम हाले दिल, तन्हा ना कर पाये बयाँ।
उसने जाना भी तो मेरी, जाँ निकल जाने के बाद।
इकबाल तन्हा