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7 May 2019 · 1 min read

ग़ज़ल

—–ग़ज़ल —–
हर सवालों का आज हल देंगे
नित ख़ुशी के नये ही पल देंगे

बे-वफ़ाई ही मिलती उल्फ़त में
इस रिवायत को हम बदल देंगे

तोड़ कर सारे रिश्ते दुनिया से
थाम लो हाथ साथ चल देंगे

आँख जो भी उठाएगा तुमको
चुटकियों में उसे मसल देंगे

रानी बनकर रहोगी तुम जिसमें
अपने दिल का तुम्हें महल देंगे

शर्त कोई, न कोई कठिनाई
रास्ते तुमको हम सरल देंगे

प्यार देता हूँ जितना अब “प्रीतम”
रक्खो विश्वास उतना कल देंगे

प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)

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