ग़ज़ल
——–ग़ज़ल——–
प्यार हो जाए “””” तो मत छुपाया करो
हाले दिल “”””दिलरुबा को बतायाकरो
लाख उँगली “””””””उठाए ज़माना मगर
उसकी गलियों में तुम रोज़ जाया करो
रूठ जाए “”””अगर इश्क़ में हमनशीं
प्यार के गीत”””” गाकर मनाया करो
उसको “”लेकर अगर घूमने जाओ तो
ठेले पर “””””””गोलगप्पे खिलाया करो
गाँव में जब “””””भी मेला लगे ऐ मियाँ
तो हिंडोले में “””” झूला झुलाया करो
मूड अच्छा “”””””””बने मान जाएगी वो
प्यार की कोई “””””मूवी दिखाया करो
प्यार की रीति”””” “प्रीतम” रही है सदा
तुम मनाया “””” करो मान जाया करो
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)