ग़ज़ल : …… हादसा हो जाने दो ।
…… हादसा हो जाने दो ।
आज कोई गजब हादसा हो जाने दो ।।
दो दिलों को यूँ आपस में टकराने दो ।।
ख्वाहिशें दिलों में जब्त थीं अब तलक,
सोई हुई चिंगारी को शोला बनाने दो ।।
प्यासे रहे हैं दो दीवाने जो बरसों के,
तिश्नगी यूँ दिलों की आज बुझाने दो ।।
हो गईं मुद्दतें चेहरों पे उदासियाँ थीं,
दो परवानों को यूँ खुलके मुस्काने दो ।।
रोको जलन अब अपने दिलों की पर,
रोको नहीं उन्हें नये गुल खिलाने दो ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
25. 07. 2017